स्वर्णो ने बहुत शोषण किया है साहब
अंगिरस, आपस्तम्भ, अत्रि, बॄहस्पति, बौधायन, दक्ष, गौतम, वत्स,हरित, कात्यायन, लिखित, पाराशर, समवर्त, शंख, शत्तप, ऊषानस, वशिष्ठ, विष्णु, व्यास, यज्ञवल्क्य तथा यम तक
आद्य शङ्कराचार्य से लेकर रामानुजाचार्य तक , आचार्य पाणिनि से लेकर आर्यभट्ट तक ,आचार्य चाणक्य से लेकर सायणाचार्य तक ,
वाचस्पति मिश्र से लेकर करपात्री महाराज तक
मंगल पांडेय से लेकर चन्द्रशेखर आजाद तक ,बीर सावरकर से लेकर पण्डित मदन मोहन मालवीय तक , चैतन्य महाप्रभु से लेकर श्यामाप्रसाद मुखर्जी तक
इस पवित्र भूखण्ड भारत को पुष्पित पल्लवित करने विश्व के अध्यात्म ज्ञान का प्रकाश पुञ्ज बनाने तथा इस राष्ट्र को अंग्रेजो की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने में ब्राह्मणों का योगदान नही था क्यो की ये सभी ब्राह्मण अन्य वर्णो के शोषण में लगे हुए थे .........
क्या इन ब्राह्मणों के बिना आप इस भारतवर्ष की कल्पना तक कर सकते है ???
घिन आता है ऐसे मानसिक से ग्रसित लोगो से जो यह कहते है कि ब्राह्मणों ने तो अन्य वर्णो का शोषण किया .....
इतने कष्टप्रद वचनों को सुनकर भी ब्राह्मण आज भी अपने यजमानो की मंगलकामना की प्रार्थनाएं करता है .....
मैं गर्व करता हूँ इन ब्राह्मणों पर जिन्होंने ने आज तक सनातन धर्म को अक्षुण बनाये रखने में अपना सम्पूर्ण जीवन वैदिक सनातन धर्म और राष्ट्र के प्रति निश्चल भावना से समर्पित किया ...
अंगिरस, आपस्तम्भ, अत्रि, बॄहस्पति, बौधायन, दक्ष, गौतम, वत्स,हरित, कात्यायन, लिखित, पाराशर, समवर्त, शंख, शत्तप, ऊषानस, वशिष्ठ, विष्णु, व्यास, यज्ञवल्क्य तथा यम तक
आद्य शङ्कराचार्य से लेकर रामानुजाचार्य तक , आचार्य पाणिनि से लेकर आर्यभट्ट तक ,आचार्य चाणक्य से लेकर सायणाचार्य तक ,
वाचस्पति मिश्र से लेकर करपात्री महाराज तक
मंगल पांडेय से लेकर चन्द्रशेखर आजाद तक ,बीर सावरकर से लेकर पण्डित मदन मोहन मालवीय तक , चैतन्य महाप्रभु से लेकर श्यामाप्रसाद मुखर्जी तक
इस पवित्र भूखण्ड भारत को पुष्पित पल्लवित करने विश्व के अध्यात्म ज्ञान का प्रकाश पुञ्ज बनाने तथा इस राष्ट्र को अंग्रेजो की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने में ब्राह्मणों का योगदान नही था क्यो की ये सभी ब्राह्मण अन्य वर्णो के शोषण में लगे हुए थे .........
क्या इन ब्राह्मणों के बिना आप इस भारतवर्ष की कल्पना तक कर सकते है ???
घिन आता है ऐसे मानसिक से ग्रसित लोगो से जो यह कहते है कि ब्राह्मणों ने तो अन्य वर्णो का शोषण किया .....
इतने कष्टप्रद वचनों को सुनकर भी ब्राह्मण आज भी अपने यजमानो की मंगलकामना की प्रार्थनाएं करता है .....
मैं गर्व करता हूँ इन ब्राह्मणों पर जिन्होंने ने आज तक सनातन धर्म को अक्षुण बनाये रखने में अपना सम्पूर्ण जीवन वैदिक सनातन धर्म और राष्ट्र के प्रति निश्चल भावना से समर्पित किया ...