कश्मीर का भारतीय दृष्टि से खींचा गया एकदम सत्य चित्रण - वहां तैनात मेरे नाते, रिश्तेदार, मित्र, सभी एकमत हैं कि कश्मीर में सेवा एक घुटन भरा अनुभव है, क्योंकि उन्हें भारतीय एलीट वर्ग द्वारा पोषित कश्मीरियों जैसे कृतघ्नों को झेलना ही नहीं पड़ता बल्कि उनके हाथों उत्पीड़ित भी होना पड़ता है।
"सबसे ज्यादा आजादी कश्मीर में है। किन्तु समाज में झूठी अफवाह कम्युनिस्ट/जेहादी फैला रहे हैं। कश्मीर घाटी पूरे जम्मू कश्मीर राज्य के मात्र 15% क्षेत्रफल का प्रतिनिधित्व करती है, उसमें से भी मात्र 5 % क्षेत्रफल जो कि शहरी आबादी को दर्शाता है सारे अतिवादी आतंकवाद का केंद्र है।
लगभग सारी पत्थरबाजी यहीं पर होती है | जम्मू और लद्दाख क्षेत्र पूर्णतः शांत है और देश के साथ है | इस 5% हिस्से को पूरा कश्मीर समझना JNU/DU के Communist छात्रों की नासमझी के अतिरिक्त कुछ नहीं है |
इसी प्रति-विद्रोही क्षेत्र के कुछ आंकडे प्रस्तुत हैं......
1. आबादी और क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे ज्यादा रोजगार इसी कश्मीर क्षेत्र में है। प्रतिव्यक्ति आय भी अन्य बीमारू राज्यों की तुलना में कई गुना ज्यादा है। यहां लगभग हर घर में सरकारी कर्मचारी मिल जायेंगे।
2. यहाँ 68% मुस्लिम (बहुसंख्यक) आबादी होने के बावजूद, अल्पसंख्यक वर्ग का सारा लाभ यहाँ के मुस्लिमों को मिलता है। गैर-मुस्लिमों व शियाओं को सिर्फ जूठन (exceptions) मिलता है| ट्रान्सफर/पोस्टिंग से लेकर छात्रवृति/अनुदान सबमें सुन्नी मुस्लिमों का कब्ज़ा है ।
3. यहाँ पर अकुशल मजदूर की दिहाड़ी/Daily Wage ₹500 से शुरू होती है। ये इलाका इतने पैसे वाला है कि शायद ही कोई कश्मीरी आपको मजदूरी करता मिलेगा। यहाँ पे मजदुरी यूपी, बिहार, बंगाल के लोग करते हैं। जो हर सड़क चौराहे पर अपने रंग और भाषा के आधार पे साफ़ नज़र आ जायेंगे।
4. सबसे ज्यादा पथराव वाले क्षेत्रो में मकान की कीमत करोडों में होती है। UP, बिहार के अमीरों के जैसे मकान यहाँ के मध्यम वर्ग वालों / तथाकथित बेरोजगारों के होते है।
5. यहां की आय का सबसे बड़ा स्रोत केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही असीमित खरबो रूपये की सहायता में किया गया भ्रष्टाचार, सरकारी नॉकरी, अरेबियन देशो और ISI से जिहाद/पथराव के लिए दिया जा रहा पैसा है।
दूसरा स्रोत सेब के बगीचे, आखरोट, केसर, बादाम और पर्यटक हैं।
तीसरा बड़ा स्रोत यहाँ पर उपस्थित फ़ौज(Army/paramiltary) से राशन, सामान, निर्माण कार्यो, इंटेलिजेंस के रूप में प्राप्त हो रहा कमीशन है।
ध्यान देने वाली बात ये है कि फ़ौज के हटते ही लाखो लोग बेरोजगार हो जायेंगे क्योंकि इनकी जीविका फ़ौज पर ही टिकी है।
6. यहाँ इतनी समृद्धि है कि लोगो का सामान्य भोजन गोश्त बन गया है। अन्य मामलों में कश्मीरी आजादी की डींग हांकने के लिए भारतीय संविधान के विशेष प्रावधान धारा 370 पर इतराते नहीं थकते परंतु इसी धारा के कारण Indian Penal Code (IPC) के स्थान पर कश्मीर में लागू "रणवीर पीनल कोड" (RPC, कश्मीर के हिंदु महाराजा द्वारा लागू दंड संहिता) में गौवध का पूर्ण निषेध होने के बावजूद यहाँ खुले आम न केवल गौवध होता है अपितु गौमांस खुले आम चौराहों पर बेचा जाता है |
7. यहाँ के बच्चे इतने आजाद हैं कि इन्हें परीक्षा में मात्र 10 में से मात्र 5 प्रश्न करने होते हैं, परीक्षा देना न देना इनकी इच्छा पर निर्भर रहता है। नौकरी दिलवाने के लिए केंद्र सरकार इन्हे अखिल भारतीय टूर का इंतजाम कराती है, भारी भरकम छात्रवृति देती है।
दिल्ली/मुम्बई के 5 सितारा होटलों में रखके इंटरव्यू करवाती है। DU, JNU, LKO बंगलौर आदि यूनिवर्सिटी में इन्हें स्कॉलरशिप देकर पढ़ाया जाता है।
ये अलग बात है कि ये वहीं से भारत की बर्बादी के नारे लगाते हैं।
8. यहाँ की लड़कियां बहुत ही खूबसूरत हैं। अगर कोई कश्मीरी लड़की गैर मुस्लिम से शादी कर ले तो वहाँ की लोकल पोलिस/जेहादियों की मदद से उसे मार डालने पर उतारू हो जाती है या रिश्ते को किसी भी प्रकार से ख़त्म करने के लिए बाध्य कर दिया जाता है .... जिसके कारण ऐसा दुस्साहस कोई करने की हिम्मत नहीं करता।
9. यहाँ गांव में स्कूल भले ही न हो, किन्तु बड़ी-बड़ी मस्जिदें जरूर मिलेंगी, जहाँ इस्लाम/शांति की जगह सिर्फ फिलिस्तीन, इस्रायल, अमेरिका, सीरिया, बगदादी, काफिर, ISIS, पाकिस्तान, तथाकथित आजादी की ही बातें होती हैं। कश्मीर की मस्जिदें राजनीति का केंद्र बन चुकी हैं।
10. यहाँ पर सरकारी नौकरी में जाति, धर्म और क्षेत्र देख के प्रायः भर्ती की जाती है। जम्मू कश्मीर के लगभग सभी बड़े/छोटे विभागों पर कश्मीरी सुन्नी मुसलमानों का कब्ज़ा है। पूरे जम्मू कश्मीर का लगभग जेहादिकरण हो चुका है। भ्रष्टाचार को ये पूर्णतः जायज मानते है क्योंकि ये पैसा केंद्र सरकार (काफिर देश का जजिया) द्वारा दिया जाता है।
11.कश्मीरी सेना और अर्धसैनिक बलों को कश्मीर से इसलिए हटाना चाहते है...क्योंकि ये दोनों गैरमुस्लिमों का संगठन है। इनका उद्देश्य कश्मीर को पाकिस्तान (Land of Pure) बनाना है। कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के बाद यही आखिरी बाधा है, कश्मीर के इस्लामिक राष्ट्र बनने में।
12. कश्मीरी क्षेत्र में उपस्थित गुरूद्वारे/पुराने मंदिरों की सुरक्षा के लिए पोलिस/पैरामिलिटरी लगायी गयी है। इसके बावजूद जुमे के नमाज के बाद इन मंदिरों पर भी पथराव होता है। यदि मंदिरो से फ़ौज हटा ली जाय तो उसे तुरंत तोड़ दिया जायेगा।
13.यहाँ पर जो कश्मीरी हिंदु वापस लौट के आये थे, उनकी सुरक्षा के लिए भी पोलिस लगायी गयी है, लेकिन उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नही दी गई।
स्थानीय पुलिस सुरक्षा कम, कश्मीर में वापस लौटे हिन्दुओं पर निगरानी ज्यादा रखती है कि कहीं ये हिंदुस्तान के लिए कुछ लिख, बोल या देशभक्ति का काम तो नहीं कर रहे। इन जगहों पर अर्धसैनिक या सेना सुरक्षा के लिए नहीं लगायी जाती क्योंकि इसमें हिन्दू ज़्यादा हो सकते हैं।
14. कश्मीरी पोलिस का लगभग जेहादिकरण हो चूका है। सब पत्थरबाजों से सहानुभूति रखते है और cross agent के रूप में गुप्त सूचनाएं लीक करते है। कश्मीर की जेल ऐयाशी का अड्डा है। घर में आतंकवादियो/अपराधियो को जो सुविधा नहीं मिलती वह जेलो में दी जाती है। इसलिए कश्मीरी अतिवादी न पोलिस से डरते है न ही जेल जाने से। यहाँ तक ये जेलें विभिन्न उग्रवादियों के बीच co-ordination का काम करती है और पत्थरबाज जेलों से निकलने के बाद और उग्र रूप से पथराव में भाग लेते हैं | जिस तरह मक्का मदीना में शैतान को पत्थर मारा जाता है उसी तरह ये मानसिक रूप से विकृत जेहादी ....सेना/अर्धसेनिक बलों पर पथराव कर पुण्य कमाना चाहते हैं | काफिरों का साथ देने के कारण कभी कभी पुलिस भी इसका शिकार बन जाती है |
15.यहाँ मात्र 1% जनता द्वारा उर्दू बोले जाने के वावजूद उर्दू को राजभाषा के रूप में मजहबी आधार पे पूरी आबादी के ऊपर थोप दिया गया है।
16. उत्तर प्रदेश में लगभग 60 लाख की आबादी पर एक जिला इलाहाबाद है व्ही ज्यादा बजट लेने के लिए कश्मीर में मात्र 69 लाख आबादी पर 10 जिले बनाये गए है। जिसमे एक जिले गांदरबल की आबादी लगभग 2 लाख और क्षेत्रफल मात्र 260 (10*16) बर्ग KM है जो की UP/बिहार के एक ब्लॉक से भी कम होगी। CM सिर्फ कश्मीर घाटी से बन पाये इसके लिए योजनाबद्ध/पक्षपातपूर्ण तरीके से कश्मीर घाटी में MLA/MLC की सीटों का कोटा ज्यादा है।
17. मात्र 15% क्षेत्रफल होने के वावजूद सारे CM सिर्फ कश्मीर घाटी के बनाये जाते है। लगभग 50% आबादी हिन्दू/शिया/सिख/अन्य के होने के वावजूद आजतक इनमें से कोई CM नहीं बना। इससे बड़ी आजादी/पक्षपात कहीं हो सकता है?
18. यहाँ पर इतनी स्वच्छदंता है कि मात्र 2-3 KM के क्षेत्र में 4 से 5 पुल, करोड़ों के बजट वाले ...नदी/नालो के ऊपर बनाये जाते है, जिससे कि यहाँ की जनता को नदी पार करने के लिए ज्यादा न चलना पड़े। यहाँ इतने छोटे छोटे जिले होने के वावजूद लगभग सभी जिलों में बाईपास बनाया गया है ।
उत्तर प्रदेश के लगभग 2 जिलों की आबादी और क्षेत्रफल वाली कश्मीर घाटी में सैकड़ों करोडों के अनेकों ओवरब्रिज/diversion बने हुए हैं । केंद्र सरकार के अनुदान का ऐसा बंदरबाट/दुरुपयोग पूरे देश में कहीं नहीं होता ।
यहाँ पुलों/सडकों की संख्या देखकर कोई भी आदमी चौंक जायेगा। ये आजादी नहीं ऐय्याशी है।
19.यहाँ विद्यालयों में A फ़ॉर आजादी और I फ़ॉर इस्लाम सिखाया जाता है। हिन्दुओं, सिखों और अन्य हिन्दुस्तानियों के लिए सिर्फ मजहबी जहर भरा जाता है। इनके दिमाग झूठ और अफवाह के जहर से भरे पड़े हुए हैं। टीचर मुख्य रूप से बच्चों के दिमाग में राजनीति और नफरत भरते हैं कि तुम्हारे साथ हिंदुस्तान अन्याय कर रहा है।
20. यहाँ की मीडिया अफवाह और झूठ से भरी पड़ी है। समाचार पत्रों में सिर्फ नकारात्मक खबरें ही छपती हैं जिससे लोग और उत्तेजित हो, प्रदेश सरकार और हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगलते रहें। प्रोपोगेंडा फ़ैलाने की इन्हें पूरी आजादी दे रखी है।
21. यहाँ इंडियन आर्मी, पैरामिलेट्री और पोलिस करोडों रूपये जनता के ऊपर सद्भावना और सिविक एक्शन प्रोग्राम के रूम में खर्च करती है। जिससे जनता का दिल जीत जाए। ये अलग बात है इन्हें पत्थर के अतिरिक्त आज तक कुछ नहीं मिला।
यह देश और प्रदेश का सबसे कम अपराध वाला क्षेत्र है। यहाँ बलात्कार न के बराबर होता है। ऐसा सेना/अर्धसैनिक बलों के दबाव के कारण है और ये सेना को ही बलात्कारी बताते हैं। इससे ज्यादा और कौन सी आजादी चाहिये।
22. कश्मीर के बारे में Google पर सर्च करने पर आपको सिर्फ प्रोपोगेंडा साइट्स मिलेंगे। यहाँ तक कि विकिपीडिया भी कश्मीरी पंडितों /हिंदुस्तान को अत्याचारी और यहाँ के जेहादियों/अलगाववादियों द्वारा की जा रही ज्यादतियों को जायज ठहराएगी।
किस तरह से कश्मीर का इस्लामीकरण हो रहा है और कश्मीरी हिन्दुओं को किस तरह बलात्कार/लूट के द्वारा पलायन करने पे मजबूर किया गया, इसपे शायद ही कोई आर्टिकल मिले किन्तु इंडियन आर्मी के ऊपर अनेकों झूठी कहानियां -आरोप वाले अनेकों लेख आपको मिल जायेंगे।
23. यहाँ पर मानवाधिकार संगठन आतंकवादी/जेहादी अधिकार संगठन का रूप धारण कर लिए हैं। यदि आप जम्मू /लद्दाख के हैं या आप हिन्दू/सिख/शिया हैं तो आपके अधिकार और बजट के न्यायसंगत बंटवारे के बारे में कोई बात नहीं करेगा। किन्तु यदि आप कश्मीरी सुन्नी हैं और खेत में टट्टी करते समय पानी का लोटा गिर गया, फिर तो एमनेस्टी इंटरनेशनल/UN और अन्य मानवाधिकारी कुकरमुत्ते अखबार/मीडिया/लेख से पाटकर सरकार को मुवावजा देने के लिए बाध्य कर देंगे। बड़ी घटनाओं के बारे में तो सोचिये ही मत।
24. जहां तक सेना की बात है, तो सेना कहाँ नहीं है? सेना लखनऊ, गोरखपुर, दिल्ली, बंगलोर, जबलपुर, शिलॉन्ग आदि सभी जगह है । देश के हर कोने में है। इसलिए सेना कश्मीर में भी है और AFSPA कानून सिर्फ कागजों में है।
छोटी छोटी बातों पर कश्मीरी पुलिस, अर्धसेना/आर्मी के खिलाफ FIR दर्ज कर अलगाववादियों को खुश करती है। AFSPA के तहत सेना को मिले अधिकार सिर्फ कागजों में हैं। बिना यहाँ की स्थानीय पुलिस को सूचित किये या बताये कोई भी search आपरेशन नहीं किये जाते। जिसका पूरा लाभ आतंकवादी उठाते हैं , क्योंकि कश्मीर पुलिस में बैठे जेहादी अधिकतर सूचनाएं लीक कर आतंकवादियो को भगा देते हैं।
पुलिस और यहाँ के न्यायधीशों की शह पाकर लडके सेना/अर्धसेना की गाड़ियों पर पथराव करते हैं। न्यायधीश इनके, पुलिस इनकी, सरकार इनकी, कानून इनका, मीडिया इनका और इन्हीं के बीच सेना/अर्धसेना के जवान सिर्फ बदनाम/प्रताडित किये जाते हैं।
25. मेरा JNU और DU के छात्रों से निवेदन है कि वे अपनी कम्युनिष्टि पुस्तकों व NSUI/AISA/AISF/SFI/DSU के छात्रों के साथ आकार यहाँ कुछ दिन गुजारें और फिर बताएं कि क्या इससे ज्यादा आजादी/ऐय्याशी हिंदुस्तान में और कहीं है ?
कश्मीर न केवल पूर्णतः आजाद प्रदेश है अपितु इसने केंद्र सरकार को ब्लैकमेल कर अपना गुलाम बना, नाजायज रूप से अवैध धन वसूली का एक स्थायी जरिया बना लिया है। अगर इनकी आजादी का मतलब अलग इस्लामी राष्ट्र है तो भारतीय सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी |
कृपया इस सन्देश को JNU/DU तक पहुँचायें।
कभी-कभी यह ख़याल आता है कि अगर केंद्र में सत्ता-परिवर्तन न होता तो कैसे पता चलता कि देश-द्रोह और आतंक की जडें कहाँ-कहाँ और किस-किस रूप में फैल चुकी हैं?
कूछ लोग दाल की कीमत ही देखते रह गये और गद्दारों ने देश और जान की कीमत कौड़ियों में लगा दी!"
[साभार - Gp Singh ji, रिटायर्ड पैरामिलट्री अधिकारी] वाया बसेरा देव जी