अवटे च अपि माम् राम निक्षिप्य कुशली व्रज । रक्षसाम् गत सत्त्वानाम् एष धर्मः सनातनः ॥३-४-२२॥[[बा0रा0]]
असुरगण का आहार तामसिक कर्म मारकाट और मृत्युपरांत स्थूल सरीर को गड्ढे में दफन होना ऐसा शास्त्र प्रमाण है ।
दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोधः पारुष्यमेव च ।
अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ संपदमासुरीम् ॥१६- ४॥[[गीता]]
दम्भ, घमण्ड और अभिमान तथा क्रोध, कठोरता और अज्ञान भी- ये सब आसुरी सम्पदा को लेकर उत्पन्न हुए पुरुष के लक्षण हैं॥4॥
असुरगण का आहार तामसिक कर्म मारकाट और मृत्युपरांत स्थूल सरीर को गड्ढे में दफन होना ऐसा शास्त्र प्रमाण है ।
दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोधः पारुष्यमेव च ।
अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ संपदमासुरीम् ॥१६- ४॥[[गीता]]
दम्भ, घमण्ड और अभिमान तथा क्रोध, कठोरता और अज्ञान भी- ये सब आसुरी सम्पदा को लेकर उत्पन्न हुए पुरुष के लक्षण हैं॥4॥