Tuesday, 13 July 2021

माता जानकी तथा श्रीरामचन्द्र विवाह एवं मुहम्मद सल्लाह तथा आयशा निकाह

 माता_सीता_का_विवाह


_______तथा ______


मुहम्मद_सलल्लाह_और_आइशा_का_निकाह


श्रीमद्वाल्मीकिरामायण ,उस सर्वज्ञ,सर्वकामा ,सर्वरस ,सर्वेश्वर 

सच्चिदानन्द आनन्दकन्द के लीला विभूतियों का गायन है |

जो जगत के अधिपति है जिनकी अध्यक्षता में ही समस्त चराचर जगत चलायमान है जो सृष्टि, स्थिति, लय के कारण रूप है |


 जिनका आविर्भाव ही धर्मस्थापना आताताइयों को दण्ड देना  ऋषिमुनी तपस्वियों को निर्भय बनाना असुरों के विनाश करना तथा समस्त प्राणियों आह्लादित करना ही कारण रहा ।

 भगवन् श्रीरामचन्द्र की मर्यादाएं उस पर्वत के समान है जिसकी समता विश्व के बृद्धातिबृद्ध पर्वत शिखर भी न कर पाए  तथा माता जानकी की पवित्रता पतिव्रता उस सूर्यकी भांति प्रकाशमान है जब तक यह सृष्टि प्रवाहमान है ।


तिमिररोग से ग्रसित ब्यक्ति को भी आकाश में कई सूर्य दिखते है इससे सूर्य की एकाकी होने का प्रमाण नष्ट नही होता वरन तिमिररोग से ग्रसित ब्यक्ति को अंततः वैध के समक्ष ही उपस्थित होना पड़ता है ।


मुहम्मद सल्लाह और आयशा की भांति ही मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र और अयोनिज माता सीता का  विवाह मान लेना अल्पज्ञ अल्पश्रुत अज्ञानता का ही परिचायक है जिसने न तो कभी शास्त्रो के रहस्यों को समझ पाया और न ही कभी श्रद्धा पूर्वक शास्त्रो का अध्ययन ही किया 

वामी ,कामी ,इस्लामी, ईसाइयत बुल्के गिरोह  ढोल पीटते हुए मिथ्या घोष करने वाले कि ही बातों को सत्य मान बैठना न्यायसंगत नही हो सकता ।

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● एकओर मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम जिनका आचरण समस्त जगत के लिए अनुकरणीय है जो स्वयं साक्षात् धर्म स्वरूप है 

●वही दूसरी ओर आसुरी वृत्तियों से सम्पन्न निर्दोष प्राणियों की हत्या करना उसका माल लूटना तथा जबरन स्त्रियों को अपने हरम में रखना छल से स्वयं को प्रतिष्ठित करना ही मोहम्मद सल्लाह का लक्ष्य रहा  ।


●वही माता सीता जिनका आविर्भाव ही दिब्य है ऐसा आविर्भाव जगत में न तो किसी का हुआ है और न ही होगा माता सीता अयोनिज है ।


●वही आइशा का जन्म साधरण प्राणियों की भांति मलमूत्र से दूषित योनिमार्ग से हुआ ।

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वामी कामी, इस्लामी,ईसाइयत बुल्के गिरोह कभी आप को यह नही बताएगा कि जब माता सीता का श्रीरामचन्द्र जी से विवाह हुआ तो मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी की आयु 13 वर्ष की थी ।


वे माता सीता के 6 वर्ष होने का ढोल तो पीटते है परन्तु मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी के आयु के बिषय में मौन रहते है ।

महर्षि विश्वामित्र यज्ञयाग सम्पन्न कराने हेतु राक्षसों से रक्षण   के लिए काकुस्थ वंशी दसरथ नरेश के पास जब  श्रीरामचन्द्र जी को लेने आते है तब  महाराज दशरथ ने महर्षि विश्वामित्र को कहते है हे ऋषिप्रवर अभी तो मेरा राम 16 वर्ष का भी नही हुआ एक बालक को कम से कम दुर्धस युद्ध मे मत धकेलिये ।


●ऊन षोडश वर्षो मे रामो राजीव लोचनः 

(वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड १/२०/२)


माता सीता और श्रीराम के स्वयंवर के पश्चात श्रीरामचन्द्र जी के राज्यभिषेख की मन्त्रणा दसरथ जी अपनी मंत्रियों से करता है कि अब वह उपयुक्त समय आगया है कि श्रीरामचन्द्र जी को युवराजपद से विभूषित किया जाय और यह मन्त्रणा तब हुआ जब  श्रीरामचन्द्र ने महर्षी विश्वामित्र के मनोरथ को सिद्ध किया तथा राजा जनक के दरबार मे विश्व के समस्तनृपगणो के सामने अपने बाहुबल का कौशल दिखा कर माता जानकी से स्वयम्वर किया । 


●तत्र त्रयो दशे वर्षे राज अमंत्र्यत प्रभुः । 

अभिषेचयितुम् रामम् समेतो राज मन्त्रिभिः ॥ (वाल्मीकि रामायण अरण्यकाण्ड ३/४७/५)


जब दसरथ नरेश अपने मंत्रियगण से यह मन्त्रणा करते है कि श्रीरामचन्द्र जी के राज्यभिषेख की तैयारी की जाय उस समय श्रीरामचन्द्र जी का आयु 13 वर्ष का था ।


अतः भ्रान्तवादियो मिथ्याबिचारो के पोषण करने वाले वामी कामी इस्लामी ईसाइयत बुल्के गिरोह के मुख मलिन यही हो जाता है ऐसे तो अनेको प्रमाण भरे पड़े है वाल्मीकि रामायण में जहाँ मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी और माता सीता का आयु स्पष्ट रूप से उल्लेख है ।

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इसके विपरीत 

मुहम्मद सलल्लाह की निकाह जब आयशा से हुई उस वक़्त आयशा की आयु 6 वर्ष और मुहम्मद सलल्लाह की आयु 53 वर्ष रही ।

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अब विद्जन स्वयं बिचार करें कि एक 6 वर्षीय बालिका के साथ 13 वर्ष के बालक का विवाह न्यायसंगत है न् कि 

एक 6 वर्षीय बालिका के साथ 53 वर्ष का बृद्ध ??

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अन्त में मैं यही कहना चाहूंगा कि 

#रामो_विग्रहवान_धर्म: 

भगवन् श्रीराम स्वयं धर्मस्वरूप है जहाँ शङ्का का भी लेश मात्र  गन्ध भी न हो वहां अनुचित दोषारोपण मूर्खता की पराकाष्ठा ही तो है 


शैलेन्द्र सिंह

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