एक महाशय ये भी है #Shailesh_k_yadav
जो महर्षि गौतम पर आक्षेप लगा रहे है कि अहिल्या को ही शाप दिया इंद्र को क्यो नही ।
हिन्दुओ की सबसे बड़ी दुर्दशा तो यह है कि वे अपने अधिकार अनुरूप शास्त्रो का अध्ययन नही करते ।वामपन्थियों ,ईशाइयो ,इस्लामिक ,एवं तथाकथित बुद्धिजीवियो द्वरा प्रचारित ,प्रसारित बिषयों को तो पढ़ लेते है परन्तु बिषयों के मूल शास्त्रो को नही पढ़ते , जिस कारण आज यह स्थिति बन पड़ी है धर्मद्रोही दुष्टों द्वरा प्रचारित बिषयों को ही सत्य मान कर उसे स्वीकार भी लेते है और हीन भावना से ग्रसित भी रहते ही ।
जिस कारण इन जैसे धर्मदूषको का बाजार भी चलता है ।
यदि #शैलेश_के_यादव जी विशुद्ध हिन्दू होते तो वे अपने मुलशास्त्रो का ही अध्ययन किये होते ।
ऐसा न करने का एक कारण वर्णसंकरता भी हो सकता है ।
इसने जो आक्षेप लगाया है वह वाल्मीकि रामायण में स्प्ष्ट दर्शया गया है कि इंद्र द्वरा छल करने पर महर्षि गौतम ने इंद्र शाप दिया था ।
जब महर्षि गौतम इंद्र को शाप दे ही दिए तो भला श्रीरामचन्द्र पुनः उसे दण्ड क्यो दे ??
और वहाँ दण्ड देने का भी अधिकार महर्षि गौतम का था सो महर्षि गौतम ने दोनों को दण्ड दिया ।
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वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग ४८ श्लोक संख्या -२८-२९
अकर्तव्यम् इदम् यस्मात् विफलः त्वम् भविष्यति ॥
गौतमेन एवम् उक्तस्य स रोषेण महात्मना ।
पेततुः वृषणौ भूमौ सहस्राक्षस्य तत् क्षणात् ॥
इससे बड़ा और दण्ड किसी के लिए क्या हो सकता है ।
कलिकाल में ऐसे लोग ही असुर है जो हमारे संस्कृतियों पर घात करते है जैसे त्रेता युग मे महर्षि विश्वामित्र को यज्ञादि कर्मकाण्ड में असुरगण बाधा देते थे वैसे ही आजकल ये लोग भी असुरगण ही है ।
#बिशेष:-- इतना ही कहूंगा कि अपने अपने वर्णाश्रमधर्मानुसार अध्ययन करते रहे तभी बिषयों के गूढ़ रहस्य को समझ पाएंगे और धर्मदूषको को उसका उत्तर दे पाएंगे ।
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