Friday, 28 January 2022

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

 ‘नेताजी सुभाषचन्द्र बोस’ का नाम लेते ही एक ऐसी तेजोमयी मूर्ति दृश्यपटल पर अंकित हो जाती है, जिसे अपने प्यारे देश भारत को एक क्षण के लिए भी पराधीन देखना सहन नहीं था। भारत को विदेशी पाश से मुक्त करने की ऐसी छटपटाहट समकालीन किसी अन्य नेता में शायद ही देखने को मिले। सुभाष हर दृष्टि से अनूठे थे। अपनी विलक्षण कार्यपद्धति, कूटनीतिक चरित्र और साम-दान-दण्ड-भेद— सभी नीतियों का समुचित उपयोग करते हुए शत्रु को समूल नष्ट करने की उनकी भावना उनको अनन्य वीरता के दिव्य अवतार और भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के महानायक के रूप में खड़ा करती है, गाँधी और नेहरू उनके सामने क्या, दूर-दूर तक दिखाई नहीं देते।


भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के इतिहास में सुभाष चन्द्र बोस किसी फि़ल्मी कथा के नायक के रूप में दिखाई देते हैं। जैसे वह विद्युत की तरह चमके और देदीप्यमान हुए और अचानक वह प्रकाश-पुंज कहीं लुप्त हो गया।


सन् 1939 में मो.क. गाँधी द्वारा ‘निजी हार’ मानने के बाद काँग्रेस से अलग होकर सुभाष ने आगामी छः वर्षों में क्या कुछ नहीं किया। अंग्रेज़ों को चकमा देकर कलकत्ता से गोमो, वहाँ से पेशावर, वहाँ से काबुल, फिर मास्को, वहाँ से बर्लिन जाकर उस युग के सबसे बड़े तानाशाह हिटलर से मिलना, जर्मनी में ‘आज़ाद हिंद रेडियो’ की स्थापना करना; वहाँ से जापान और सिंगापुर जाकर आज़ाद हिंद फौज़ का गठन करना, सिंगापुर में आज़ाद हिंद फौज़ के सर्वोच्च सेनापति (सुप्रीम कमाण्डर) के रूप में स्वाधीन भारत की अन्तरिम सरकार का गठन करना, खुद इस सरकार का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और युद्धमंत्री बनना, इस सरकार को जर्मनी, जापान, फिलिपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैण्ड द्वारा मान्यता देना; आज़ाद हिंद बैंक की स्थापना करके काग़ज़ी मुद्रा जारी करना; आज़ाद हिंद फौज़ का अंग्रेज़ों पर आक्रमण करके भारतीय प्रदेशों को अंग्रेज़ों से मुक्त कराना, फिर अचानक उस तेजपुंज का लोप हो जाना— यह सब एक स्वप्न की भाँति लगता है।


नेताजी सुभाष चन्द्र बोस-जैसे विलक्षण व्यक्तित्व कभी-कभी ही जन्म लेते हैं। उनके विषय में जितना कहा जाए, बहुत कम है। इतिहास की पुस्तकों में भी योजनाबद्ध रूप में गाँधी और नेहरू के अतिशय महिमामण्डन के बाद नेताजी को हमेशा तीसरे स्थान पर रखा जाता है, ताकि उनकी उज्ज्वल कीर्ति से देशवासी अनजान रहें। उनकी मृत्यु का विवरण भी देशवासियों से छिपाया गया है।


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